भाजपा को कलेक्टिव लीडर शिप पर भरोसा, सीएम एमपी शिवराज सिंह चौहान से लेकर वसुंधरा राजे और रमन सिंह नहीं होंगें पार्टी का चेहरा
कांग्रेस को चेहरों पर भरोसा राजस्थान में अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और एमपी में कमलनाथ पार्टी का चेहरा
दिल्ली – मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाIना और मिजोरम में चुनावी तारीखों के एलान के साथ ही चुनावी बिगुल बज गया है, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल, राजस्थान में अशोक गहलोत, तेलंगाना में के सी आर और मिजोरम में ज़ोरमथांगा को अपनी अपनी कुर्सी बचाने की चुनौती है, हालाँकि की राज्यों में चुनाव की तारीखों को लेकर विपक्ष सवाल भी उठा रहा है, की राज्यों चुनावों की तारीखों में इतना गैप क्यों है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनावी तारीखों के एलान के साथ अब चुनावी घमासान शुरू हो गया, पांच राज्यों में होने वाला चुनाव NDA और INDIA गठबंधन का लिटमस टेस्ट होगा जो लोक सभा चुनाव का सेमी फ़ाइनल भी होगा। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के 18 साथ के शासन को एन्टी इनकम्बेंसी का सामना करना पड़ रहा है, प्रदेश में भाजपा ने अभी तक किसी को अपना चेहरा भी नहीं बनाया है, दूसरी तरफ़ भाजपा ने तीन केन्द्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को भी चुनावी समर में उतार दिया है. जिस के बाद से शिव राज सिंह चौहान सभाओं में लगातार कह रहे हैं, जब मैं नहीं रहूंगा तो याद आऊँगा, दरअसल भाजपा ने अब तक तीन उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, जिस में शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं है, दूसरी तरफ कांग्रेस लगातार करप्शन का मुद्दा उठा रही है, कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा होंगें, हाल के दिनों में कई नए ज़िलों की घोषणा, सिलेण्डर का दाम काम करने, जातीय सर्वेक्षण का आदेश देकर गहलोत ने खुद को साबित करने की कोशिश की हैं, हालांकि की अब प्रदेश में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही कुर्सी की जंग ठण्डी पड़ गई है, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने कलेक्टिव लीडरशिप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है, ऐसा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया पार्टी का चेहरा नहीं बनाये जाने से नाराज़ बताई जा रहीं हैं. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही कांग्रेस के चेहरा होंगें, आदिवासी इलाकों में मज़बूत पकड़, गोबर और गौमूत्र की खरीदारी की योजना ने भूपेश बघेल ने प्रदेश में अलग लकीर खींच रखीं है, भूपेश बघेल के विरोधी टी एस देव डिप्टी सीएम हैं और फिलहाल दोनों के बीच युद्ध विराम की स्थिति है, दूसरी तरफ भाजपा ने यहाँ भी कलेक्टिव लीडर शिप के साथ चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया है, और पार्टी के बड़े चेहरे रमन सिंह फिलहाल वेटिंग लिस्ट में हैं, यानी चुनावी नतीजों के बाद अगर भाजपा सत्ता में वापसी करती है, तो तय होगा कौन होगा मुख्यमंत्री।