यहां देखें दोनों समितियां
इस सूची को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कोई इसे वसुंधरा के कैरियर से जोड़ कर देख रहा है तो कोई इसे वसुंधरा के कद के मुताबिक पद न होने की बात कर रहा है। असलियत क्या है यह भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही बता सकता है। लेकिन इतना तय है कि दिसंबर में होने वाले चुनाव में भाजपा केवल वसुंधरा राजे के भरोसे नहीं रहेगी। बल्कि यह भी संभव है कि भाजपा अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी बिना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए ही चुनाव लड़े। अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा लाभ राजस्थान में कांग्रेस को मिल सकता है। गुजरात में मौजूदा समय में कांग्रेस की सरकार है। वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुछ दिन पहले ही भाजपा में सब कुछ ठीक न चलने की बात कह चुके हैं। ऐसे में वसुंधरा अगर राजस्थान चुनाव से हटती हैं तो इसका सीधा लाभ अशोक गहलोत को मिल सकता है और अपनी सरकार राजस्थान में रिपीट करने की पूरी कोशिश करेंगे।