PM के भाषण के दौरान विपक्ष का वॉकआउट
News Corner Reporter: लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष पर जमकर बरसे। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान समूचे विपक्ष ने वाकआउट किया।
मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने के लिए तैयार होते हैं, लेकिन उनमें सुनने का धैर्य नहीं होता। अपशब्द बोलो- भाग जाओ, कूड़ा कचरा फेंको – भाग जाओ, झूठ फैलाओ – भाग जाओ। इन लोगों को पता है कि इनकी नई दुकान पर भी कुछ दिनों में ताला लग जाएगा।
आज इस चर्चा के बीच मैं देश के लोगों को इस घमण्डिया गठबंधन की आर्थिक नीति से भी सावधान करना चाहता हूं। ये देश में ऐसी अर्थव्यवस्था चाहते हैं, जिससे देश कमजोर हो और उसका सामर्थ्य बढ़ न पाए। सच्चाई तो ये है कि देश की जनता ने दो-दो बार, 30 साल के बाद के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी। लेकिन इनको चुभन है कि गरीब का बेटा यहां कैसे बैठा है। विपक्ष के लोगों को एक रहस्यमयी वरदान मिला हुआ है कि जिसका भी ये लोग बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा। ऐसा ही एक उदाहरण आपके सामने खड़ा है। 20 साल हो गए क्या कुछ नहीं हुआ पर भला ही होता चला गया। ये वर्षों से एक ही फेल्ड प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करते हैं। हर बार लॉन्चिंग फेल हो जाती है।अब उसका नतीजा ये हुआ है कि मतदाताओं के प्रति उनकी नफरत भी सातवें आसमान पर पहुंच गई है। मोदी ने कहा कि लोहिया जी की पोट्रेट भी संसद में तब लगी, जब 1991 में गैर कांग्रेसी सरकार बनी। नेताजी की पोट्रेट 1978 में सेंट्रल हॉल में तब लगी, जब जनता पार्टी की सरकार थी।
डूबने वाले को तिनके का सहारा ही बहुत,
दिल बहल जाए फ़क़त इतना इशारा ही बहुत।
इतने पर भी आसमान गिरा दे बिजलियां,
कोई बता दे जरा ये डूबता फिर क्या करे!
कभी इनके जन्मदिन पर जहाज़ में केक काटा जाता था, अब जहाज़ से गरीबों की वैक्सीन जाती है
राहुल गांधी के कल के भाषण पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा कि कल यहां दिल से बात करने की बात भी कही गई। उनके दिमाग के हाल को तो देश लंबे समय से जानता है। लेकिन अब उनके दिल का भी पता चल गया है। कभी इनके जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटे जाते थे। आज उस हवाई जहाज में गरीब के लिए वैक्सीन जाती है। कभी ड्राईक्लीन के लिए कपड़े हवाई जहाज से आते थे, आज देश का गरीब हवाई जहाज में उड़ रहा है। विपक्ष ने सिद्ध कर दिया है कि देश से बड़ा उनके लिए दल है, देश से पहले उनकी प्राथमिकता दल है। आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख ही आपके दिमाग पर सवार है। आप तैयारी करके क्यों नहीं आते… थोड़ी मेहनत कीजिए। मैंने, आपको मेहनत करने के लिए 5 साल दिया, लेकिन 5 साल में भी आप लोग तैयारी नहीं कर पाए।
जहां हालात बदले, फिर छुरियां भी निकलेंगी
कांग्रेस को परिवारवाद पसंद है, कांग्रेस को दरबारवाद पसंद है। जहां बड़े लोग, उनके बेटे-बेटियां भी बड़े पदों पर काबिज हों। यही उनकी कार्यशैली रही है। ये घमण्डिया गठबंधन देश में परिवारवाद की राजनीति का सबसे बड़ा प्रतिबिंब है। देश के स्वाधीनता सेनानियों ने, हमारे संविधान निर्माताओं ने हमेशा परिवारवादी राजनीति का विरोध किया था। अभी हालात ऐसे हैं, इसीलिए हाथों में हाथ। जहां हालात बदले, फिर छुरियां भी निकलेंगी।
ये INDIA गठबंधन नहीं बल्कि घमण्डिया गठबंधन है और इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है, सबको प्रधानमंत्री बनना है। NDA भी चुरा लिया और India के भी टुकड़े कर दिए- खुद को जिंदा रखने के लिए, इन्हें (विपक्ष) NDA का ही सहारा लेना पड़ा है। आदत के मुताबिक घमंड का I (आई) इनको छोड़ता नहीं है। इसलिए NDA में 2 घमंड के I पिरो दिए। पहला I 26 दलों का घमंड और दूसरा I एक परिवार का घमंड।
पीएम ने कहा मैं विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि आप जिसके पीछे चल रहे हैं, उसके अंदर तो इस देश की जुबान और संस्कार की समझ ही नहीं बची है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क ही नहीं समझ पाए हैं। देश के कोटि-कोटि नागरिकों ने भारत के वैक्सीन पर विश्वास जताया, लेकिन कांग्रेस को भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है। भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है।
दुनिया में कोई भारत को अपशब्द बोलता है तो इन्हें उनपर तुरंत विश्वास हो जाता है और प्रचार करने में लग जाते हैं। ये कांग्रेस की फितरत रही है। भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक की, एयर स्ट्राइक की, लेकिन इनको भारत की सेना पर भरोसा नहीं था, इनको भरोसा दुश्मन के दावों पर था। लोकतांत्रिक व्यवहार के अनुसार मुझे तभी आपसे सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी, लेकिन देरी में मेरा कुसूर नहीं है। क्योंकि आप खुद ही एक ओर यूपीए का क्रिया-कर्म कर रहे थे और दूसरी ओर जश्न भी मना रहे थे। जश्न भी खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का।
मणिपुर फिर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश मणिपुर के साथ है, मणिपुर फिर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा, प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी।
लोकसभा में गिरा अविश्वास प्रस्ताव
