लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद इस बार लोकसभा चुनाव में काफी सक्रिय हैं और उनकी सक्रियता के कारण ही युवा भी बसपा के चुनावी मंच पर दिखाई दे रहे हैं। आकाश आनंद के आक्रामक भाषण युवाओं को काफी पसंद आ रहे हैं और वे ठीक अपनी बुआ के उलट हर चुनावी सभाओं बहुजन समाज की बात कर रहे हैं और बसपा के गठन के बाद शुरुआती दौर में दलितों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को जोड़ने के लिए जो नारे लगाए जाते थे, आकाश के राजनीति में सक्रिय होने के बाद वह नारे फिर से लगने लगे हैं। बाबा साहब का मिशन अधूरा बसपा करेगी पूरा, इन नारों के लगने के कारण बहुजन समाज के जो लोग बीच में बसपा से अलग हो गए थे अब फिर से इस पार्टी से जुड़ाव महसूस करने लगे हैं। आकाश के भाषणों ने पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं में जोश पैदा कर दिया है और देखते ही देखते जो पार्टी चुनाव घोषित होने तक सबसे कमजोर स्थिति में थी और उसे भाजपा को छोड़कर कोई अन्य दल लड़ाई में नहीं माँ रहा था, आकाश की मेहनत से पार्टी के प्रत्याशी लड़ाई में दिखने लगे हैं और कई सीटों पर तो बसपा की मौजूदगी ने वहाँ चुनाव त्रिकोणीय बना दिया है। अभीतक यूपी में इंडिया गठबंधन और भाजपा के एनडीए गठबंधन के बीच ही मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन आकाश की मेहनत और अपने पुराने जनाधार को पार्टी से जोड़ने की रणनीति के कारण बसपा प्रत्याशियों ने भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है, जिसके कारण अधिकतर सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
आकाश आनंद ने इन दिनों अपना पूरा फोकस पूर्वांचल की लोकसभा सीटों पर केंद्रित कर रखा है और चुनावी सभाओं में अपनी आक्रामक शैली के कारण काफी पसंद किये जा रहे हैं और वे चुनावी सभाओं में सीधे तौर पर केवल और केवल बहुजन समाज के लोगों को उनके अधिकार दिलाने की बात कर रहे हैं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि अपना वोट जरूर डालें और अपने अधिकारों को पाने के लिए केवल और केवल बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों को ही वोट करें। उन्होंने आजमगढ़ और लालगंज संसदीय सीट के अलावा गाजीपुर, घोसी, बलिया में भी पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में सभाएं कीं। आकाश आनंद की सक्रियता और उनकी आक्रामक शैली की वजह से हर प्रत्याशी अपने क्षेत्र में आकाश की सभा कराना चाह रहा है, मायावती के साथ ही प्रत्याशी चाहते हैं कि उनके क्षेत्र में आकाश की एक से अधिक सभाएं लगें क्योंकि उनकी आक्रामक शैली मतदाताओं को काफी प्रभावित कर रही है और उन्हीं की मेहनत का नतीजा है कि लोकसभा के दौरान यूपी में बसपा ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते हुए चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है।
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