मेरठ। पश्चिमी यूपी में विपक्ष से लड़ाई हारने के बाद बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं संजीव बालियान और संगीत सोम की लड़ाई शांत होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों की पश्चिमी यूपी के बड़े नेताओं में गिनती होती है, लेकिन दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता संगीत सोमदोनों की पश्चिम में मजबूत पकड़ मानी जाती है। जहां संजीव बालियान जाट समुदाय में अच्छी पकड़ होने का दावा करते हैं वहीं संगीत सोम की गिनती पश्चिमी यूपी के कद्दावर ठाकुर नेताओं में होती है। दोनों के बीच छिड़ी जुबानी जंग का असर बीजेपी पर भी पड़ रहा है।
संगीत सोम 2022 हारे और संजीव बालियान 2024, जबकि उससे पहले दोनों ही नेता दो-दो चुनाव लगातार जीते थे। संगीत सोम कैंप 2022 विधानसभा चुनाव में हार का कारण संजीव बालियान को मानता है जबकि संजीव बालियान ने 2024 लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बाद प्रेस कांफ्रेस कर संगीत सोम पर बिना नाम लिए हमला बोला। इसका जवाब अगले दिन संगीत सोम ने प्रेस कांफ्रेंस कर दिया और कहा कि इसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार हैं।
नेतृत्व ने विवाद से बनाई दूरी
संगीत सोम और संजीव बालियान की जुबानी जंग ने पश्चिम यूपी में बड़ा तूफान खड़ा कर दिया है. न संगीत सोम पीछे हटने को तैयार हैं और न ही संजीव बालियान। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इस खाई को पाटने के लिए दिल्ली और लखनऊ से भी रास्ता बनाने की कोशिश नहीं हो रही है। न कोई मध्यस्थता के लिए आगे आया है। चुनाव से पहले एक कोशिश की गई थी लेकिन उसका नतीजा सबके सामने है।
कैसे एक चिठ्ठी ने किया आग में घी का काम
दोनों नेताओं की जंग में एक चिट्ठी ने आग में घी डालने का काम कर दिया। संगीत सोम के लेटर पैड पर लिखी चिट्ठी में संजीव बालियान पर ऑस्ट्रेलिया में जमीन खरीदने के आरोप लगाए और संजीव सहरावत उर्फ संजीव खरडू से मिलीभगत की बात कही गई। हालाँकि संगीत सोम ने उनके लेटर पैड के गलत इस्तेमाल की बात कही है लेकिन इधर संजीव सहरावत ने उनके खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस भिजवा दिया। खरदू ने संगीत सोम पर आरोप लागाते हुए कहा कि संगीत सोम की संपत्ति की जांच होनी चाहिए। इन्होंने लोगों पर झूठे मुकदमे के जरिए अकूत संपत्ति इकट्ठा की है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संजीव बालियान के खिलाफ गंभीर आरोपों वाले पर्चे सभी मीडियाकर्मियों को बांटे गए। इस मामले में शाम को संगीत सोम के पीए चंद्रशेखर की तरफ से लालकुर्ती थाने में तहरीर दी गई कि ये पर्चे कोई विपक्षी बांट गया। पुलिस ने इस मामले में वीडियो फुटेज जुटाई तो इस दौरान चंद्रशेखर संगीत सोम को पर्चा देते नजर आ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक ये दो पेज का पर्चा है। पुलिस ने गुरुवार को चंद्रशेखर को पूछताछ के लिए थाने बुला लिया।
संगीत सोम के पास है ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा
संगीत सोम को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। इसमें एनएसजी कमांडो समेत 22 सुरक्षाकर्मी रहते हैं। इतनी सिक्योरिटी के बीच संगीत सोम के आवास पर उनके सामने ही प्रेस कांफ्रेंस में कोई बाहरी कैसे पर्चे बांट सकता है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि कई तथ्यों की जांच की जा रही है। पूरे प्रकरण में शासन ने खुफिया विभाग से भी रिपोर्ट मांग ली है। खुफिया विभाग की तरफ से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सोम के पीए चंद्रशेखर की वीडियो भी शासन को भेजी है। इस मामले में पुलिस बेहद संजीदगी से जांच में जुटी है।