नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमसुद्दीन राइन की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। कार्यकर्ता के साथ मारपीट के मामले में उन्हें अदालत से कोई राहत नहीं मिली है। एससी एसटी एक्ट के एक मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था, जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है।स्पेशल कोर्ट ने शमसुद्दीन को 18 अक्तूबर तक गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का आदेश पुलिस को दिया है।
जानकारी के अनुसार बसपा के पूर्व मंडल कोआर्डिनेट रहे वकील अनिल प्रधान ने पिछले साल 28 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई थी कि बसपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक में मुख्य अतिथि व पार्टी के पश्चिमी यूपी के मंडल प्रभारी शमसुद्दीन राईन सहित 15-20 लोग मौजूद थे। जब अनिल प्रधान ने इनके सामने अपनी समस्या रखी तो शमसुद्दीन राईन ने जातिसूचक शब्द कहते हुए उनके साथ मार-पीट की और धक्का देकर वहां से निकाल दिया। इस मामले में कई बार नोटिस जारी होने के बाद भी शमसुद्दीन राईन अदालत में पेश नहीं हुए। जिसके बाद अदालत ने 22 सितंबर को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।