नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के सांसद आर.के. चौधरी द्वारा हाल ही में सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताए जाने के बाद शुरू हुए राजनीतिक विवाद के बीच गुरुवार को संसद में ‘सेंगोल’ को प्रमुखता मिली। चौधरी ने कहा, “संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने संसद में सेंगोल को स्थापित किया है। ‘सेंगोल’ का अर्थ है ‘राज-दंड’ या ‘राजा का डंडा’। रियासती व्यवस्था को समाप्त करने के बाद देश स्वतंत्र हुआ। क्या देश ‘राजा के डंडे’ से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटाया जाए।”
28 मई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष में स्पीकर की कुर्सी के बगल में पारंपरिक पूजा-अर्चना के बाद ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित किया। अधीनम द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा गया यह सेंगोल भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात को स्वीकार किया था।
भाजपा ने जताई बयान पड़े आपत्ति
भाजपा नेता सी.आर. केसवन ने चौधरी की टिप्पणी को अपमानजनक और विचित्र बताया। उन्होंने कहा, “आरके चौधरी की टिप्पणी अपमानजनक और विचित्र है। उन्होंने लाखों भक्तों का अपमान किया है। उन्होंने संसद की पवित्रता को भी कम किया है। उन्होंने राष्ट्रपति के पद का भी दुरुपयोग किया है। लेकिन समाजवादी पार्टी के सांसद से आप इससे बेहतर की क्या उम्मीद कर सकते हैं।
बता दें कि, 28 मई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष में स्पीकर की कुर्सी के बगल में पारंपरिक पूजा-अर्चना के बाद ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित किया था। अधीनम द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा गया यह सेंगोल भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात को स्वीकार किया था।
सेंगोल को हटाया जाना चाहिए- मीसा भारती
आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा कि सेंगोल को हटाया जाना चाहिए क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक देश है। भारती ने कहा, “इसे हटाया जाना चाहिए क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक देश है। सेंगोल को संग्रहालय में रखा जाना चाहिए जहां लोग आकर इसे देख सकें।