जौनपुर। जौनपुर में छठे चरण को लेकर हो रहे नामांकन के तीसरे दिन बुधवार को जौनपुर संसदीय सीट से बसपा उम्मीदवार श्रीकला गुपचुप तरीके से नामांकन करने कलेक्ट्रेट पहुंची और उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। जिसकी जानकारी न तो पुलिस और न ही एलआईयू को थी। वह वर्तमान में जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं। श्रीकला ने दो सेट में अपना नामांकन किया है। बसपा उम्मीदवार श्रीकला सिंह पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी हैं। धनंजय सिंह को वर्ष 2020 में लाइन बाजार थाना में अपहरण व रंगदारी के मामले में दर्ज मुकदमे में सात साल की सजा हुई है। हालांकि बीते शनिवार को उन्हें प्रयागराज हाईकोर्ट ने जमानत दी है। कोर्ट द्वारा सजा में कोई ढील ना देने के कारण धनंजय सिंह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद धनंजय सिंह को बुधवार को सुबह बरेली जेल से रिहा किया गया है। देर शाम तक वो जौनपुर पहुंचेंगे और अपनी पत्नी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।
अब ये तो समय बताएगा : धनंजय
बरेली। जौनपुर के बाहुबली धनंजय सिंह अब आजाद हैं। बुधवार की सुबह जेल से रिहा होते ही उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया। पत्नी श्रीकला रेड्डी को चुनाव की शुभकामनाएं देते हुए धनंजय ने उनकी जीत का पक्का इरादा जता दिया। इसके साथ ही उनसे जब अपने विरोधी कहे जाने वाले अभय सिंह को लेकर सवाल हुआ तो वह भड़क गए। पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद बरेली जेल से रिहा कर दिया गया। धनंजय ने रिहा होने के बाद अपनी पत्नी के समर्थन में चुनाव मैदान में आने का ऐलान कर दिया। पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी बसपा से लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ है। जीत भी होगी। धनंजय ने कहा, ‘मेरे ऊपर फर्जी मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। अब न्यायालय ने जमानत पर रिहाई का फैसला सुनाया है। मैं यहां से निकलते ही सीधा अपने क्षेत्र जौनपुर में जाऊंगा।’ बीते शनिवार को पूर्व सांसद को जौनपुर से बरेली जेल शिफ्ट किया गया था। उनकी सजा बरकरार है लेकिन जमानत मिल गई है। वह जेल से बाहर आएंगे लेकिन चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
अभय सिंह पर कहा, अपराधियों पर बात मत करिए
अपने विरोधी अभय सिंह के बारे में सवाल पूछे जाने पर धनंजय ने थोड़ा नाराज होते हुए कहा कि आप लोग अपराधियों के बारे में बात मत करिए। बरेली जेल से निकलकर धनंजय सिंह अपने समर्थकों के काफिले के साथ जौनपुर के लिए रवाना हो गए।