लखनऊ। पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह का निष्कासन समाप्त हो गया है और उन्हें भाजपा में वापस ले लिया गया है। घोसी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे यशवंत सिंह को दो साल पहले भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन उनके चुनाव में भाजपा के खिलाफ घोषी लोकसभा सीट से निर्दल ताल ठोंकने से भाजपा को नुकसान की आशंका थी, ऐसे में भाजपा किसी भी सीट पर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है, यही वजह है कि भाजपा ने यशवंत को छठे चरण के नामांकन से ठीक पहले पार्टी में वापस ले लिया। यशवंत सिंह को दो साल पहले आजमगढ़-मऊ निर्वाचन क्षेत्र के लिए घोषित भाजपा प्रत्याशी अरुणकांत यादव के खिलाफ अपने बेटे विक्रांत यादव को निर्दलीय मैदान में उतारने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया था, हालांकि उस चुनाव में यशवंत सिंह अपने बेटे को जिताने में सफल रहे थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी चुनाव हार गया था, इसी अनुशासनहीनता के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
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