लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों पर नजर डाली जाए तो यह बात स्पष्ट रूप से सामने आती है कि कांग्रेस शासित राज्यों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है और अगर केंद्र में एनडीए की दोबारा सरकार वजूद में आई है तो उसका कारण भी कांग्रेस ही है। आइए पहले नजर डालते हैं कांग्रेस शासित उन राज्यों पर पर जहां कांग्रेस का प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहा-
हिमांचल प्रदेश
हिमांचल प्रदेश में जहां कुछ ही दिनों पहले सत्ता परिवर्तन हुआ था वहाँ की लोकसभा की सभी 4 सीटों पर काँग्रेस उम्मीदवार भाजपा उम्मीदवार को टक्कर देने में नाकामयाब रहे। यहाँ की सबसे हॉट सीट मंडी पर भाजपा ने कंगना रनौत को उतारा था। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और राज्य की सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को टिकट दिया था जहां उन्हें कड़ी हार का सामना करना पड़ा।
मध्यप्रदेश
आमने सामने की लड़ाई में मध्यप्रदेश में काँग्रेस का भाजपा के सामने प्रदर्शन बड़ा ही शर्मनाक रहा। यहाँ की सभी 29 सीटें कांग्रेस हार गई। कांग्रेस के टिकट पर हारने वालों में दो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ शामिल हैं।
उत्तराखंड
यहाँ की सभी 5 सीटें कांग्रेस बड़े अंतर से हार गई। भाजपा ने यहाँ पांचों सीटें अपने नाम कीं।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की 12 में से 11 सीटों पर काँग्रेस उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने यहाँ मात्र एक सीट जीतने में सफल रही।
दिल्ली
यहाँ की 3 सीटों पर कांग्रेस- भाजपा आमने सामने थी जहां सभी सीटों पर विपक्ष अपनी लाज बचाने में नाकामयाब रहा।
कर्नाटक
कर्नाटक में कुल 28 लोकसभा सीटें आती हैं जहां हाल के दिनों में कांग्रेस बीजेपी को हरा कर सत्ता में आई थी। यहाँ की 28 में से कांग्रेस मात्र 8 सीटें जीतने में कामयाब हुई बीजेपी ने 26 सीटों पर लड़ने वाली भाजपा 18 सीटें जीतने में कामयाब रही.और उसके सहयोगी दल जेडीएस जिसने 3 सीटें लड़ी थीं, 2 सीटें जीती।
तेलंगाना
यहाँ 2023 में सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार अपना विधानसभा वाला प्रदर्शन दोहराने में नाकामयाब रही। 17 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में कांग्रेस मात्र 8 सीटें जीतने में सफल रही। जबकि विधानसभा में 120 सीटों में से मात्र 8 सीटें जीतने वाली भाजपा लोकसभा में भी उतनी ही 8 सीटें जीती।
उक्त आँकड़े बताते हैं कि कांग्रेस अगर इन तीन राज्यों की 98 सीटों पर अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करती तो केंद्र में आज इंडिया की सरकार होती। इन राज्यों में मात्र 17 सीटों पर कांग्रेस कामयाब हुई।
इसके अलावा इसी प्रकार दिल्ली की अपने कोटे की तीनों सीटें, उत्तराखंड की सभी 5 सीटें और गुजरात की अपने कोटे की 20 में से 19 सीटें कांग्रेस हार गई।
उक्त आंकड़ों के आईने में स्पष्ट है कि अगर विपक्ष सत्ता से दूर रह गया तो उसका एक बड़ा कारण कांग्रेस स्वयं है।