फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण-पत्र मामले में अपर महाधिवक्ता की जगह अब महाधिवक्ता करेंगे सरकार की पैरवी।
प्रयागराज। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आज़म के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सजा के खिलाफ अंतिम दौर में पहुंच चुकी बहस पूरी होने से पहले ही सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता को हटा दिया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस पूरी कर चुके अपर महाधिवक्ता ‘पीसी श्रीवास्तव को हटा कर मामले की सुनवाई का जिम्मा सरकार ने महाधिवक्ता अजय मित्र को सौंप दिया है। अब मामले की सुनवाई 14 मई को होगी। हालांकि, सरकार के इस कदम पर अदालत ने नाराजगी जताई है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की अदालत कर रही है। आजम खान उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुला को रामपुर की एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करवाने के मामले में सात-सात वर्ष कैद की सजा सुनाई थी इसके खिलाफ आजम खान, उनकी पत्नी व बेटे ने आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर कर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और जमानत की मांग भी की हैं जिसकी सुनवाई जनवरी माह से चल रही है। सरकार ने काफी टाल मटोल के बाद जवाबी हलफनामा दाखिल किया था। आजम खान का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील कपिल सिब्बल रखने आए थे। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस चल रही थी। बहस सोमवार को पूरी होने के बाद अग्रिम सुनवाई के लिए कोर्ट ने मंगलवार की तारीख नियत की थी। उम्मीद जताई जा रही थी आज इस मामले की सुनवाई पूरी हो जायेगी लेकिन, तभी सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता पीसी ब्रीवास्तव और शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार ने अदालत को बताया कि सरकार की ओर जानकारी दी गई है कि अब इस मामले में महाधिवक्ता अजय कुमार मित्र अभियोजन का पक्ष रखेंगे।
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
सरकार के इस कदम पर कोर्ट ने भी नाराजगी और हैरानी जताई। कोर्ट ने कहा कि बहस पूरी हो जाने के बाद इस तरह का वकील बदलना समझ से परे है। इससे पहले आजम खान के वकील इमरानउल्ला ने भी सरकार के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सरकार का यह आचरण मामले को जानबूझ कर टालने की कोशिश है। राजनीतिक विद्वेष के चलते आजम खान और उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है।
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