नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की एक हेलिकॉप्टर हादसे शहादत हो गई। इस हेलिकॉप्टर में रईसी के अलावा आठ और लोग सवार थे। श्री रईसी जून 2021 में राष्ट्रपति चुने गए थे। हादसे में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन की भी मौत हो गई है। इस हादसे का कारण खराब मौसम को बताया जा रहा है। इस दुर्घटना से पूरे विश्व समुदाय और विशेषकर शीयों में शोक की लहर है। कई इस्लामिक स्कालर्स ने ईरानी राष्ट्रपति के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है । मरजए आली कद्र आयतुल्लाह सीसतानी और ईरान के सर्वोच्च सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने भी उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। ईरान ने उनके निधन पर 5 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुख की इस घड़ी में हम ईरान के साथ खड़े हैं। उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। भारत सरकार ने एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, इस दौरान देश का झण्डा रईसी के शोक में आधा झुका रहेगा।
खबरों के मुताबिक जब आजर्बाइजान के वराजकान क्षेत्र में यह दुर्घटना घटित हुई। आयतुल्लाह रईसी, क़ीज क़िलासी नामक बांध का उद्घाटन करने के बाद हैलिकाप्टर से तबरेज़ वापस आ रहे थे। आज़रबाइजान गणराज्य के राष्ट्रपति के साथ संयुक्त रूप में बांघ का उन्होंने उद्घाटन किया था। बीच रास्ते में वरज़कान नामक क्षेत्र में उनका हेलिकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।राष्ट्रपति आयतुल्लाह इब्राहीम रईसी को ले जा रहे हेलिकाप्टर में विदेशमंत्री डाक्टर हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और पूर्वी आज़रबाइजान के गवर्नर आग़ाइ मालिक रहमती भी सवार थे। तबरेज़ के इमामे जुमा आयतुल्लाह आले हाशिम की भी इस दुर्घटना में शहादत हो गई।
बारिश और धुंध की वजह से दृश्यता काफी कम हो गई थी। जिसके कारण हेलीकाप्टर की हार्ड लैन्डिंग करानी पड़ी। हार्ड लैन्डिंग के कारण हेलाकॅप्टर के दुर्घटना ग्रस्त होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। इस हादसे की खबर आने के बाद ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के मुख्य कमांडर ने हुसैन सलामी घटनास्थल पर पहुंचे. रईसी को ले जा रहे हेलिकॉप्टर ने आपात परिस्थितियों में हार्ड लैंडिंग की थी। सलामी के अलावा आईआरजीसी के अन्य कमांडरों ने भी घटनास्थल का दौरा किया।
“हेलिकॉप्टर जिस जगह क्रैश हुआ, उस जगह को लेकर भी कॉन्सपिरेसी थ्योरी सामने आ रही है। ‘रईसी का हेलीकॉप्टर अजरबैजान (देश) के साथ लगती सीमा के पास पहाड़ी जंगल में क्रैश हुआ। ईरान के जितने भी पड़ोसी हैं, उनमें से अजरबैजान के साथ उसकी सबसे कम करीबी है क्योंकि अजरबैजान के इजरायल के साथ भी संबंध हैं। अजरबैजान का मोसाद (इजरायल की खुफिया एजेंसी) के साथ सहयोग करने का भी इतिहास रहा है।”
इस दुखद घटना के बाद से हादसे को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। रईसी की देश के अंदरूनी और बाहरी चुनौतियों को देखते हुए हादसे के पीछे घरेलू लोगों का हाथ होने या इजराइल जैसी बाहरी दुश्मन ताकतों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि हाल में हमास और इजरायल के तनाव में ईरान खुलकर हमास का समर्थन कर रहा था और पिछले दिनों ईरान और इजरायल दोनों की ओर से एक दूसरे को टारगेट किया जा रहा था। रईसी की मौत के बाद ईरान में हादसे को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। मीडिया के कुछ हल्कों में इस हादसे के पीछे इजराइल का हाथ बताया जा रहा है। लेकिन विशेषज्ञ इससे इनकार कर रहे हैं। इस बीच ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के मुख्य कमांडर ने हुसैन सलामी ने घटनास्थल का दौरा कर जानकारी जुटाई है।
हादसे के बाद से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर को लाखों बार देखा गया है। इस तस्वीर के जरिए लोग इस हादसे को साजिश के तौर पर जोड़ कर देख रहे हैं। सोशल मीडिया बेवसाइट X पर मोसाद टॉप ट्रेंड में शामिल है। इस हैशटैग के जरिए लोग हादसे को लेकर अपनी बात रख रहे हैं।