अयोध्या। अयोध्या में रामलला के मंदिर की ओर जाने वाले राम पथ और भक्ति पथ पर लगाई गई 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की 3,800 ‘बैम्बू लाइट’ और 36 ‘गोबो प्रोजेक्टर लाइट’ चोरों ने चुरा लीं. चोरी की ये घटनाएं अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर हुईं और पुलिस बल सहित किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगी। दिलचस्प पहलू यह है कि चोरी हुई 9 मई को और एफआईआर दर्ज हुई ठीक 3 महीने बाद 9 अगस्त को। पुलिस ने बताया कि अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए अनुबंध के तहत लाइट लगाने वाली कंपनी यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स के प्रतिनिधि की 9 अगस्त को शिकायत के बाद राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन में मंगलवार को एफआईआर दर्ज की गई।
ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराई थी और एक तरह से उन्होंने इसका उद्घाटन किया था। इसका शिलान्यास भी मोदी ने ही किया था। राम मंदिर को जनता के लिए जनवरी में ही खोल दिया गया था। अभी हाल ही में जब अयोध्या में काफी बारिश हुई तो राम मंदिर की छत से पानी टपकने लगा। उसी दौरान कई करोड़ की लागत से तैयार भव्य रामपथ जगह-जगह से टूट गया और उसमें गड्ढे पड़ गए। अब चोरी की खबरें आ रही हैं।
कंपनी के अधिकारी शेखर शर्मा ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा, “रामपथ पर 6,400 बांस लाइटें लगाई गई थीं और भक्ति पथ पर 96 प्रोजेक्टर लाइटें लगाई गई थीं। 19 मार्च तक सभी लाइटें वहां थीं लेकिन 9 मई को निरीक्षण के बाद पता चला कि कुछ लाइटें गायब थीं।” शर्मा ने कहा, अब तक लगभग 3,800 बांस की लाइटें और 36 प्रोजेक्टर लाइटें कुछ अज्ञात चोरों द्वारा चुरा ली गई हैं। इस चोरी की एफआईआर 3 महीने बाद दर्ज होना इस बात को दर्शा रहा है कि कहीं न कहीं अधिकारियों की मिली भगत इस चोरी में रही है।
अयोध्या में 22 जनवरी को हुए राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के बाद शहर का विकास तेजी से हो रहा है। यहां जमीनें महंगी हो गई और साथ ही खाने-पीने की चीजें भी महंगी बिक रही है। जमीनों को लेकर ताजा विवाद अभी सामने आया था। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि राम मंदिर के पास सेना फायरिंग जोन है और बीच में बफर जमीनें हैं। यानी उन जमीनों को बेचने पर पाबंदी है। लेकिन सरकार ने उसका भूमि उपयोग बदल दिया। बफर जोन की जमीनों को अडानी, योग गुरु रामदेव और श्री श्री रविशंकर की कंपनियों ने खरीद लिया है।