नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान दिल्ली के यूपीएसपी कोचिंग सेंटर में दो दिन पहले पानी भरने से तीन छात्रों की मौत का मुद्दा ज़ोरशोर से उठा। आज कांग्रेस सहित अन्य दलों ने इस मुद्दे को प्रमुखता से संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में उठाया। राज्यसभा में सभापति और उपराष्ट्रपति ने अखबारों में उनके लगातार विज्ञापनों पर प्रकाश डालते हुए कोचिंग सेंटरों के व्यावसायीकरण की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मैंने हाल ही में दिल्ली की घटना को लेकर चर्चा के लिए पार्टी नेताओं से मिलने की योजना बनाई है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाते हुए कहा, “यह शर्मनाक है, इसमें कोई संदेह नहीं है। इन युवाओं के सपने चकनाचूर हो गए हैं, और उनके परिवारों की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। यह देश और उसके भविष्य के लिए बेहद दुखद। हालाँकि मुआवजा आवश्यक है, लेकिन मुआवजा एक युवा जीवन के दुखद नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है। गंभीर मुद्दे हैं इसे संबोधित करने की आवश्यकता है। जिसमें शहर में बिल्डिंग कोड, अग्नि सुरक्षा और बाढ़ सुरक्षा नियमों का व्यापक उल्लंघन भी शामिल है। मैंने 9 जुलाई को जारी एक मंजूरी प्रमाणपत्र देखा है, जिसमें अनुपालन का सुझाव दिया गया है, फिर भी ये उल्लंघन जारी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आगे की पीड़ा से बचने के लिए ऐसी त्रासदियों को दोबारा होने से कैसे रोका जाए।
कांग्रेस सांसद अमर सिंह और हिबी ईडन ने स्टूडेंट्स की मौत के लिए जवाबदेही की मांग करते हुए लोकसभा में मुद्दे को उठाया। अमर सिंह ने इस त्रासदी के लिए जवाबदेही की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। हिबी ईडन ने इसे अधिकारियों द्वारा लापरवाही और कुप्रबंधन का एक गंभीर उदाहरण बताया।
अखिलेश यादव की मांग-बुलडोज़र चला कर दिखाओ
सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा- “यह एक दर्दनाक घटना है। योजना बनाना और एनओसी प्रदान करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है, सवाल यह है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। यह अवैध इमारत का सिर्फ एक मामला नहीं है, हम इसे यूपी में देख रहे हैं। अवैध इमारतों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, क्या यह सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?”