लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने कल देर शाम अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी समेत पार्टी के सभी पदों से हटा दिया । ऐसा माना जा रहा है कि आकाश पर ये कार्रवाई भाजपा के खिलाफ अपनी सभाओं में लगातार की जा रही आक्रामक बयान बाज़ी के चलते की गयी है । मायावती के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया ।
मायावती ने एक्स पर पोस्ट में इसकी जानकारी दी। उन्होंने पोस्ट में आकाश आनंद को अपरिपक्व नेता भी कहा है। दर असल आकाश आनंद इधर कुछ दिनों से बसपा में काफी सक्रिय हो गए थे और चुनावी सभाओं को सम्बोधित कर रहे थे । सीतापुर की एक चुनावी सभा मे आकाश ने भाजपा की तुलना आतंकवाद से की थी । इस मामले में उन के खिलाफ सीतापुर में एक FIR भी दर्ज हुई है । जिसके बाद बसपा प्रमुख ने उन की सभी जनसभाओ पर रोक लगा दी व उनके चुनावी कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे।
इस बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीएसपी एक भी सीट नहीं जीत रही है, इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेरबदल कर रहा है। यद्यपि उन्होंने यह भी कहा कि बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी कदम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है। अखलेश यादव ने कहा कि बीएसपी के हाथ से बाजी निकल चुकी है, अब संविधान बचाने के लिए वोट करें। पूर्व सीएम ने दलित वोटरों से अपील करते हुए कहा, “इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहां इंडिया पूर्व सीएम ने दलित वोटरों से अपील करते हुए कहा, “इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहां इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो उसको वोट करें और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं।
इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने भी बसपा और भाजपा में सांठगांठ का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म x पर की गई पोस्ट में कहा कि- “बहुजन समाज से अपील कृपया संविधान की रक्षा के लिए वोट करें। BSP अब BJP बन चुकी है, BSP का टिकट BJP बाँट रही है। नया चुनाव निशान है “हाथी के सूँड़ में कमल का फूल”।
भुगतने पड़ेंगे गम्भीर परिणाम: कुँवर फतेह बहादुर
बसपा के हाल फिलहाल लिए गए निर्णयों को लेकर पूर्व आईएएस और बहुजन भारत संस्था के अध्यक्ष कुँवर फतेह बहादुर ने बसपा सुप्रीमो पर निशान साधा है। उन्होंने कहा कि बसपा को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कि बसपा प्रमुख परोक्ष रूप से इस चुनाव में भाजपा को मदद कर रहीं हैं। ऐन वक्त पर पार्टी प्रमुख जिस तरह से विभिन्न लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी बदल रहीं हैं, इससे यह साफ़ है कि बसपा संविधान विरोधी ताकतों को फायदा पहुंचाना चाहती है. दो दिन पहले जौनपुर और बस्ती में प्रत्याशियों को बदलकर बसपा ने यह साफ़ कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता खुद चुनाव जीतना नहीं बल्कि संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे इण्डिया गठबंधन जिसमें यूपी में सपा-कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, इनके प्रत्याशियों को हराना है। उन्होंने यह भी कहा कहा कि ये बहुजन समाज के लोगों का दुर्भाग्य ही है कि देश में मौजूदा समय में भारतीय संविधान खतरे में है और यूपी में संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे सपा-कांग्रेस का साथ देने के बजाय बसपा प्रमुख खुलकर संविधान विरोधी ताकतों का साथ दे रहीं हैं। कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि इस चुनाव में दलित, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे इण्डिया गठबंधन के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है, क्योंकि संविधान से ही महिलाओं, वंचितों के साथ ही दलितों और पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक समाज के अधिकार सुरक्षित हैं और बहुजन नायक कांशीराम जी ने भी इन वर्गों को संविधान प्रदत्त अधिकार दिलाने के लिए ही बसपा का गठन किया और देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में बसपा की सरकारें बनाकर वंचित समाज को इनके अधिकार दिलाये, लेकिन मौजूदा बसपा नेतृत्व संविधान विरोधी ताकतों को मदद करता दिखाई दे रहा है और बसपा के प्रत्याशी चयन और बाद में संविधान विरोधी ताकतों को मदद पहुंचाने के लिए उनके स्थान पर ऐसे प्रत्याशी का चयन जिसके लड़ने से संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे दलों को नुकसान हो, इन्हें मैदान में उतारा जा रहा है। आजमगढ़, जौनपुर और बस्ती समेत लगभग सभी सीटों पर संविधान विरोधी ताकतों की सुविधा को ध्यान में रखकर बसपा अपने प्रत्याशी बदले हैं।