काँग्रेस ने 101 लोक लुभावन वायदे किये, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का भी दाँव
मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में टिकट बटवारे को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और काँग्रेस में आक्रोश है, भारतीय जनता पार्टी ने केन्द्रीय मन्त्रियों और साँसदों को टिकट दिए जाने से मुख्यमन्त्री शिव राज सिंह चौहान ख़ून को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो वहीँ समर्थकों को टिकट नहीं मिलने से दिग्विजय सिंह भी असहज महसूस कर रहे हैं, इस बानगी उस वक़्त देखने को मिली जब वचन पत्र विमोचन के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भिड़ते नज़र आये.
मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव 2024 को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और काँग्रेस ने अपनी पूरी ताक़त झोंक रखी है, शिवराज सिंह चौहान को अपने 18 साल के शासन के ख़िलाफ़ एन्टी इंकम्बेंसी के साथ केन्द्रीय मन्त्रियों और साँसदों के चुनावी मैदान में उतरने के बाद अपनी कुर्सी बचाने की चुनौती है, इस चुनौती को शिवराज सिंह चौहान अपने अन्दाज़ में निपटने के जुगाड़ में लगे हैं, एक सभा के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा की उन के लिए तो अच्छा हुआ है, उन के पुराने साथी आ गए हैं, जिस का उन्हें फ़ायदा मिलेगा, वहीँ सत्ता में वापसी के लिए जी जान लगा देने वाले कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच आज मंच पर ही वाक् युद्ध देखने को मिला, दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिस में टिकट की उम्मीद बाँधे कार्यकर्ता टिकट नहीं मिलने की शिकायत कमलनाथ से कर रहे हैं, जिस पर कमलनाथ कहते हैं, टिकट नहीं मिला तो दिग्विजय सिंह का कपड़ा फाड़ो, इसी वायरल वीडियो को लेकर कमलनाथ से वचन पत्र विमोचन के मौक़े सवाल के जवाब में भी कमलनाथ ने वही बात दोहरा दी, जिस पर दिग्विजय सिंह ने उन्हें टोक दिया और कहा की फ़ॉर्म पर मेरे दस्तख़त नही होते जो मेरा कपड़ा फाड़ा जाये, जिस कमलनाथ ने कहा की मेरा और दिग्विजय सिंह का राजनितिक रिश्ता नहीं बल्कि भाई वाला रिश्ता है, इस लिए उन्होंने दिग्विजय सिंह को एक पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी दे रखी है, इस के बाद काँग्रेस ने 101 वादों का मेनिफेस्टो जारी किया।