रांची। झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में मंगलवार तड़के मालगाड़ी से टक्कर हो जाने के कारण ट्रेन नंबर 12810 मुंबई-हावड़ा मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। सूचना के अनुसार चरधरपुर डिवीजन के पास मंगलवार तड़के हावड़ा-मुंबई पैसेंजर ट्रेन के 18 डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह घटना एक मालगाड़ी के पटरी से उतर जाने और सामने से गुजर रही हावड़ा-मुंबई मेल से टकरा जाने के बाद हुई। सभी घायल यात्रियों को जमशेदपुर के टाटा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक रेल की सात बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। केवल जुलाई माह में ही ये चौथी दुर्घटना है। इससे पहले 14 जुलाई की रात हज़ारदुआरी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के बस्ती में डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की कई बोगियों के पटरी से उतर जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 20 लोग घायल हो गए थे। इसी प्रकार 29 जुलाई को उड़ीसा के भुवनेश्वर में मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी।
बार बार हो रही इन रेल दुर्घटनाओं ने विपक्षी दलों को सरकार पर हमलावर होने का एक और मौका दे दिया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने ट्रेन हादसों के मामलों को संसद के अंदर और बाहर उठाया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आज जहां लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया वहीं राज्यसभा में आरेजडी के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “हम इंतजार करेंगे कि और कितनी रेल दुर्घटनाएं होंगी? उन्हें (केंद्र सरकार) परवाह नहीं है। ‘कवच’ कहां है? कितने किलोमीटर हो गए हैं। क्या इस बार बजट में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया?” तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि देश में रेलवे सुरक्षा एक चुनौती बन गई है और सवाल किया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सदस्यों को स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए सदन में मौजूद क्यों नहीं हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रेल सुरक्षा के मामले में सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड पर निशाना साधते हुए कहा, “यह सरकार ट्रेन दुर्घटनाओं में रिकॉर्ड बनाना चाहती है। उनके पास रिकॉर्ड संख्या में पेपर लीक और अब रेलवे दुर्घटनाएं हैं। यह सरकार केवल बड़े-बड़े दावे करती है। लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. सरकार को इस बारे में कुछ करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।”
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर हमला करते हुए उन्हें “रील मिनिस्टर” कहा है। सांसद ने ट्रेनों में भीड़भाड़ की आलोचना करते हुए कहा, “लोग शौचालयों में यात्रा कर रहे हैं लेकिन सरकार को शर्म नहीं आती।” चतुर्वेदी ने कहा, “कई मौतें हो चुकी हैं और आज तक कोई जवाबदेही नहीं होने के कारण, मुझे लगता है कि इस घटना का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मुआवजे की घोषणा करेंगे, जांच का वादा करेंगे और फिर अगली पीआर इंस्टाग्राम रील के लिए आगे बढ़ जाएंगे।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से कई रेल दुर्घटनाओं के बाद जवाबदेही तय करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करने को कहा। पूर्व रेल मंत्री बनर्जी ने ट्वीट किया, “मैं गंभीरता से पूछती हूं: क्या यह शासन है? लगभग हर हफ्ते बुरे सपने की तरह रेलवे पटरियों पर मौतों और चोटों का यह अंतहीन सिलसिला दिखाई देता है। हम इसे कब तक बर्दाश्त करेंगे? क्या इसका कोई अंत नहीं होगा भारत सरकार की संवेदनहीनता कब तक रहेगी?”
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भी केंद्र की आलोचना करते हुए रेल मंत्री से सोशल मीडिया पर रील बनाने के बजाय रेलवे पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। पार्टी ने कहा कि कम से कम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और इंडिया गठबंधन का कोई दल इसमें शामिल नहीं है।
इस बीच रेल विभाग ने दुर्घटना में मृतक और घायल परिवार के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए हैं-
रेलवे द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर इस प्रकार हैं–
टाटानगर : 06572290324
चक्रधरपुर : 06587 238072
राउरकेला: 06612501072, 06612500244
हावड़ा: 9433357920, 03326382217
रांची: 0651-27-87115.
एचडब्ल्यूएच हेल्प डेस्क: 033-26382217, 9433357920
एसएचएम हेल्प डेस्क: 6295531471, 7595074427
केजीपी हेल्प डेस्क: 03222-293764
सीएसएमटी हेल्पलाइन ऑटो नंबर 55993
पी एंड टी 022-22694040
मुंबई: 022-22694040
नागपुर: 7757912790