लखनऊ। यूं तो अगस्त का महीना वर्षों से पूरे विश्व में क्रांति को जन्म देने वाला माना जाता रहा है मगर भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में यह अगस्त का महीना ऐतिहासिक साबित होगा यह किसी ने सोचा भी न था। 5 अगस्त के दिन यानि सोमवार को छात्र आंदोलन, हिंसा, सैकड़ों लोगों की मौत और सोमवार को प्रदर्शनकारियों के बढ़ते दबाव और हिंसा के साथ साथ मार्च के एलान के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने पद और देश छोड़ दिया और भारत में शरण ले ली।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के ख़िलाफ़ शुरू हुआ ये छात्र आंदोलन, देशव्यापी प्रदर्शन में तब्दील होकर शेख़ हसीना की सरकार के पतन का कारण बन गया। सेना की ओर से देश में अंतरिम सरकार का गठन करने की घोषणा के बावजूद, बांग्लादेश में आगे क्या होगा ये अभी स्पष्ट नहीं है।
पांच अगस्त को क्या-क्या हुआ
चार अगस्त को हुई व्यापक हिंसा के बाद पांच अगस्त की शुरुआत बेहद तनावपूर्ण हालात में हुई। तनाव के मद्देनज़र सरकार ने सोमवार से बुधवार की छुट्टी की घोषणा कर दी थी। सुबह दस बजे ही ढाका में सेंट्रल शहीद मीनार के पास अलग-अलग कॉलेजों और संस्थानों की भीड़ ‘ढाका मार्च’ में शामिल होने के लिए जुट गई थी। ‘स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन मूवमेंट’ ने इस मार्च का आह्वान किया था. पुलिस ने आंसू गैस और साउंड ग्रेनेड चलाकर छात्रों को हटाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। बांग्लादेश सरकार ने 25 जुलाई को ही इंटरनेट बंद कर दिया था. फ़ेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी रोक लगा दी गई. लेकिन सोमवार को देश में पूरी तरह इंटरनेट बंद करने का आदेश दे दिया गया. ब्राडबैंड इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया. न्यूज़ वेबसाइटें भी ऑफ़लाइन हो गईं।
सख़्त इंतज़ाम, दमन की कोशिशें और पाबंदियां लोगों को घरों से निकलने से नहीं रोक सकीं. शहर के हर कोने से लोग बाहर सड़कों पर निकलने लगे.11 बजते-बजते ढाका के जतराबाड़ी इलाक़े में हज़ारों लोगों की भीड़ जुट गई. तैनात की गई पुलिस भीड़ को थामने के लिए नाकाफ़ी रही. यहां बख़्तरबंद गाड़ियों में सवार सैनिक भी सड़कों पर तैनात कर दिए गए. पुलिस ने आंसू गैस, साउंड ग्रेनेड और गोलियां चलाकर भीड़ को रोकने की कोशिश की. वहीं, दोपहर क़रीब 12 बजे ढाका के हबीबगंज इलाक़े में बोरो बाज़ार की तरफ़ बढ़ रही भीड़ पर पुलिस ने गोलीबारी की. इस घटना में छह लोगों की मौत हुई, जिनमें नाबालिग बच्चे भी शामिल थे.
सोमवार के ढाका मार्च को रोकने के लिए दसियों हज़ार छात्रों, प्रदर्शनकारियों और विपक्ष के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. लेकिन इस सबके बावजूद बड़े पैमाने पर छात्र और आम लोग बाहर निकले और शहीद मीनार से शाहबाग़ इलाक़े की तरफ़ बढ़े. रविवार को शाहबाग़ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसा में कई लोग मारे गए थे. देश में तेज़ी से बदल रहे हालात के बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वाकेर उज़्ज़मां ने दोपहर दो बजे राष्ट्र को संबोधित करने की घोषणा की. सेना ने एक बयान जारी कर सेना प्रमुख के संबोधन तक लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की. इसी बीच, सड़कों पर भीड़ बढ़ती गई, लाखों लोग ढाका की सड़कों पर उतर आए.
शेख हसीना ने देश छोड़ा
दोपहर क़रीब सवा एक बजे, बांग्लादेश में ब्राडबैंड इंटरनेट फिर से बहाल कर दिया गया। ऑफ़लाइन हुई वेबसाइटें लाइव आने लगीं. सोशल मीडिया वेबसाइटों पर लगी पाबंदियां भी हटने लगीं। हालांकि, इंटरनेट बहाल किए जाने का कोई अधिकारिक आदेश नहीं आया।
इसी बीच, देश के सेना प्रमुख ने अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ सेना मुख्यालय पर बैठक की। इस बैठक में नागरिक समूहों से जुड़े लोग और बुद्धिजीवी भी शामिल हुए। ढाका यूनिवर्सिटी के क़ानून विभाग के प्रोफ़ेसर आसिफ़ नज़रुल को भी बैठक में बुलाया गया। दोपहर ढाई बजे, प्रधानमंत्री शेख हसीना के गणभवन से सैन्य हेलीकॉप्टर में निकलने की ख़बर आई। उनकी बहन शेख़ रेहाना भी उनके साथ थीं. गणभवन से हेलीकॉप्टर के उड़ने के कुछ मिनट बाद ही शेख़ हसीना के भारत के लिए रवाना होने की रिपोर्टें आने लगीं।
समाचार एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट में बताया गया कि देश छोड़ने से पहले शेख़ हसीना राष्ट्र के नाम संबोधन रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें ऐसा करने का मौक़ा नहीं मिल सका। दोपहर सवा तीन बजे, सेना प्रमुख वाकेर उज़्ज़मां ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस्तीफ़ा देकर देश छोड़ दिया है. उन्होंने विमर्श के बाद अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा भी की। सेना प्रमुख ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मौत में शामिल रहे लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए जाएंगे। शांति की अपील करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, ‘हम देश को ठीक से चलाने में कामयाब होंगे। हालांकि, प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए। अवामी लीग पार्टी के दफ़्तरों में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी।
प्रधानमंत्री आवास में लगी बांग्लादेश के संस्थापक और शेख़ हसीना के पिता शेख़ मुजीबुर्रहमान की विशाल मूर्ति पर प्रदर्शनकारी चढ़ गए। हथौड़े से इस मूर्ति को तोड़ने की कोशिश की गई। दोपहर ढलते-ढलते ढाका शहर एक तरह से प्रदर्शनकारियों के नियंत्रण में आ गया. चीफ़ जस्टिस के घर में तोड़फोड़ हुई, प्रधानमंत्री आवास, संसद भवन, स्मारकों में प्रदर्शनकारी घुस गए। धनमंडी इलाक़े में प्रमुख निवास स्थान सुधा सदन में आग लगा दी गई और इसे लूट लिया गया. शेख़ हसीना सरकार के कई मंत्रियों के घर पर भी हमले हुए, पार्टी के ऑफिसों को तोड़ा गया। शाम छह बजे सेना ने शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर छह घंटों के लिए उड़ान के संचालन को निलंबित किए जाने की जानकारी दी.
शेख हसीना के भारत पहुंचते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल ने की मुलाक़ात
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना देश छोड़ने के बाद शाम को भारत में पहुँचीं। उनका विमान दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर उतरा। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हिंडन एयरबेस पर ही उनसे मुलाकात की। रिपोर्ट है कि उन्होंने डोभाल के साथ बांग्लादेश में संकट और अपने भविष्य के कदमों पर चर्चा की। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि डोभाल और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने शेख हसीना से मुलाकात की। भारतीय वायुसेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां उन्हें सुरक्षा मुहैया करा रही हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है। हसीना ने डोभाल के साथ बांग्लादेश के मौजूदा हालात और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की।