लखनऊ। 75 दिन तक चला लोकसभा चुनाव अभियान गुरुवार शाम 5:00 बजे थम गया। इसी के साथ बड़ी-बड़ी रैलियों, चुनावी सभाओं और रोड शो का समापन हो भी हो गया। सात चरणों वाले लंबे-चौड़े चुनावी कार्यक्रम के दौरान सभी पार्टियों के दिग्गजों ने खूब जोर लगाया। रैली और रोड शो के मामले में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कमर में चोट लगने के बावजूद देश के सभी नेताओं से बहुत आगे नजर आए। उन्होंने चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से 30 मई तक 251 रैलियाँ कीं जिसमें अधिकांश में उन्होंने कुर्सी पर बैठ कर भाषण दिया। अगर बात की जाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तो उन्होंने कुल 172 रैलियां और रोड शो किए।गृहमंत्री अमित शाह ने कुल 188 रैलियां, रोड शो किए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बार के आम चुनाव में 72 चुनावी सभाएं कीं। इस दौरान उन्होंने कई रोड शो भी किए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में मंच साझा किया। कई लोकसभा क्षेत्रों में मुख्यमंत्री एक से अधिक बार गए।
रैली और रोड शो के मामले में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कमर में चोट लगने के बावजूद देश के सभी नेताओं से बहुत आगे नजर आए। उन्होंने चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से 30 मई तक 251 रैलियाँ कीं जिसमें अधिकांश में उन्होंने कुर्सी पर बैठ कर भाषण दिया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विपक्ष की ओर से मोर्चा संभालते हुए कुल 107 रैलियां और रोड शो किए तो वहीं उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जनसभा करने के मामले में उनसे बीस साबित हुईं। उन्होंने कुल 142 जनसभाएं कीं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 69 रैलियां और 4 रोड शो किए, जबकि ममता बनर्जी ने 61 रैलियां और कई रोड शो और पदयात्राएं की। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 87 चुनावी सभाओं को संबोधित किया। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने 102 जनसभाओं एवं रोड शो में भाग लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस चुनाव में 94 चुनावी इवेंट किए। उन्होंने 94 रैलियां और सात शो किए।