नई दिल्ली। यूं तो पिछले कई दशकों से संसद की कार्यवाही में नोंक झोंक और टीका-टिप्पणी आम बात है मगर पिछले दस वर्षों से यह रौनक गायब सी लग रही थी। देश में नई सरकार चुने जाने के बाद से पुनः वही दृश्य सामने या रहे हैं। राज्यसभा में बयान देते समय इस्तेमाल किए जा रहे टोन (लहजे) को लेकर शुक्रवार को जमकर बवाल हुआ. पहले जहां भारतीय जनता पार्टी के सांसद घनश्याम तिवाड़ी के पुराने बयान की चर्चा करते हुए कांग्रेस ने सभापति से सवाल पूछे और तिवाड़ी के टोन पर सवाल खड़े किए, तो बाद में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ के टोन पर ही सवाल खड़े कर दिए. जया बच्चन की टिप्पणी पर सभापति ने अपनी कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि आप अपनी सीट पर बैठ जाएं. आपने अपने निजी जीवन में भले ही बहुत कुछ हासिल किया हो. आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है. लेकिन आप वो नहीं देख पाती हैं, जो मैं यहां से देखता हूं।
सभापति ने मल्लिकार्जुन खरगे को लेकर की गई टिप्पणी पर अभी कांग्रेस के सांसदों को शांत कराया था कि समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने अपने नाम को लेकर आपत्ति जताई. जया बच्चन ने सभापति से कहा कि मैं एक कलाकार हूं. बॉडी लैंग्वेज समझती हूं. एक्प्रेशन समझती हूं.सर मुझे माफ करिएगा, मगर आपका टोन जो है, वह ठीक नहीं है. जया बच्चन की टिप्पणी पर सभापति ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि आप बैठ जाएं.सत्ता पक्ष ने इस मामले पर जब शोर मचाया तो धनखड़ ने कहा, ‘मुझे पता है कि कैसे निपटना है.’ उन्होंने कहा ‘जया जी आपने बड़ा सम्मान हासिल किय है. आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है. आप वो नहीं देख पाती हैं,जो मैं यहां से देखता हूं.मेरी टोन, मेरी भाषा मेरे टेंपर पर बात की जा रही है. पर मैं किसी और की स्क्रिप्ट के आधार पर नहीं चलता, मेरे पास अपनी खुद की स्क्रिप्ट है.
सूत्र बताते हैं कि विपक्ष धनखड़ के रवैये से खासा नाराज है और वह उनके खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। इस क्रम में विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 50 सदस्यों के समर्थन और हस्ताक्षर की जरूरत है जो उसने जुटाना शुरू कर दिया है। विपक्षी सांसदों से हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।
धनखड़ के इस बयान के बाद विपक्ष भड़क गया और उसने राज्यसभा से वाक आउट कर दिया। सोनिया गांधी के नेतृत्व में राज्यसभा से वॉकआउट करने के बाद जया बच्चन ने राज्यसभा सभापति पर और भी निशाना साधा। जया बच्चन ने मीडिया के सामने कहा- “…मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किये गये लहजे पर आपत्ति जताई। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं। मैं लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप यह कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति देनी होगी…मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का प्रयोग करना जो मैं आप सभी के सामने नहीं कहना चाहती। वो सांसदों को उपद्रवी, ‘बुद्धिहीन’ कहते रहते हैं।”
सूत्र बताते हैं कि विपक्ष धनखड़ के रवैये से खासा नाराज है और वह उनके खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। इस क्रम में विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 50 सदस्यों के समर्थन और हस्ताक्षर की जरूरत है जो उसने जुटाना शुरू कर दिया है। विपक्षी सांसदों से हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।