यूपी में भाजपा की हार पर पार्टी में बवाल, समीक्षाओं का दौर जारी
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में करारा झटका लगा है। चुनाव में हार के बाद भाजपा में विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। शिकस्त के कारण जानने के लिए आलाकमान ने पर्यवेक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश के कई जिलों में भाजपा कार्यकर्ताओं के आपस में मारपीट के मामले सामने आ रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के विधायक व मंत्री पर आरोप लगाए हैं।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। सहारनपुर लोकसभा सीट पर हुई हार की समीक्षा को आए पर्यवेक्षक भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं एमएलसी गोविंद नारायण शुक्ला और विधायक आशीष कुमार आशु के समक्ष जमकर हंगामा हुआ। पार्टी कार्यकर्ताओं और सहारनपुर से लोकसभा प्रत्याशी राघव लखनपाल समर्थकों ने राज्यमंत्री एवं नगर विधायक के खिलाफ नारेबाजी कर उन पर चुनाव हरवाने के गंभीर आरोप लगाए। प्रशासन पर भी सहयोग नहीं करने के आरोप लगे।
कहा गया कि नानौता में बगैर अनुमति के राजपूत समाज की पंचायत कैसे हो गई। हंगामे के कारण बैठक को बीच में रोक दिया गया। बाद में पर्यवेक्षक ने बंद कमरे में मंडलवार कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया।गुरुवार को आयोजित बैठक में पहुंचे प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा।
सिद्धार्थनगर में भारतीय जनता पार्टी के इटवा विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक में गुरुवार को जमकर लात-घूसे चले। इसमें कुछ कार्यकर्ताओं ने कुछ लोगों पर आरोप लगाया कि इसमें साइकिल चलाने वाले क्यों आ गए हैं। इस पर कुछ कार्यकर्ता भड़के। इससे दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। हालांकि इस संबंध में भाजपाई कुछ भी कहने से किनारा कर रहा है।
मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान और संगीत सोम की भिड़ंत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि प्रदेश के कई जिलों में हुई समीक्षा बैठक में गुटबाज़ी और आपसी तनातनी हाथापाई तक या पहुंची। अयोध्या में तो राज्य सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के सामने ही हंगामा मैच गया और धक्का-मुक्की की नौबत या गई। अयोध्या की समीक्षा बैठक में एक और नज़ारा देखने को मिला जब हार की रिपोर्ट लेकर पहुंचे महंत राजू दास और डीएम अयोध्या आपस में भिड़ गए। इस भिड़ंत के अगले दिन महंत राजू दास का गनर वापस ले लिया गया।
इसी प्रकार फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव हारीं साध्वी निरंजन ज्योति ने अपनी हार का ठीकरा भीतरघात और आपसी गुटबाज़ी पर फोड़ा तो वहीं उन्नाव से मामूली अंतर से चुनाव जीतने वाले साक्षी महाराज ने भी यही आरोप उन्नाव के पार्टी संगठन पर लगाए हैं।
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